वेद विज्ञान आलोक के बारे में बताने से पहले हम बताना चाहेंगे कि दुनिया के सभी religion अपनी अपनी धार्मिक पुस्तकों को ईश्वरीय ज्ञान बताते है और उनके अनुसार उनकी पुस्तकों में सृष्टि विज्ञान भरा पड़ा है |
वे सब Modern science कि कोई भी नयी theory या research आते ही उसे तुरंत अपनी धार्मिक पुस्तकों में खोजने का प्रयास करते है |
कुछ भी कहीं से जोड़ तोड़ कर अपनी पुस्तकों में उन research या theories का होना बताते है |
वेद विज्ञान आलोक इस पर सवाल उठाता है
अगर उनकी पुस्तकों में विज्ञान है तो क्या वे अपनी पुस्तकों से खुद Research करके एक ऐसा नया विज्ञान दे सकते हैं जिस से Modern Physics और Science को एक नयी दिशा मिले , क्या वे Modern Science के पीछे न चलकर Modern Science को अपने पीछे चला सकते है ? क्या विज्ञान की मूलभूत समस्याओं का निराकरण अपनी पुस्तकों के माध्यम से कर सकते है ?
वेद विज्ञान आलोक क्या है ?
यदि एक पंक्ति में जवाब दिया जाये तो वेद विज्ञान आलोक इसी उपरोक्त प्रश्न का जवाब है
जिस सवाल को वेद विज्ञान आलोक उठाता है , वह स्वयं उसी का जवाब है |
यह ग्रन्थ वेद विज्ञान आलोक ऋग्वेद के ऐतरेय ब्राम्हण ग्रन्थ का सबसे पहला वैज्ञानिक भाष्य है , जिसमे सम्पूर्ण cosmology का विज्ञान निहित है |
ऐतरेय ब्राम्हण ग्रन्थ सबसे कठिन ब्राम्हण ग्रंथों में से एक है जिसे समझने में अच्छे अच्छे विद्वानों से भूल हो गयी |
उसे 10 वर्षों के लगातार अथक परिश्रम से Decode किया है वैदिक वैज्ञानिक आचार्य अग्निव्रत नैष्ठिक जी ने |
इस ग्रन्थ में वर्तमान theoretical Physics कि सभी मूलभूत समस्याओं का समाधान है , जिस पर चलकर वर्तमान भौतिकी सही मार्ग पर चल सकती है |
Modern Physics किन समस्याओं से ग्रस्त है ?
Modern Physics ने पिछले 300 सालों में काफी तेज गति से प्रगति की है , लेकिन आज स्थिति ये है की जैसे Physics अपने अंत तक पहुँच गयी हो |
इसे स्वीकार करते हुए NASA में रहे पूर्व भारतीय वैज्ञानिक Prof. O.P. Pandey कहते हैं कि
वर्तमान समय Physics की Philosophical Jump का है , Physics का क्षेत्र ख़त्म होकर अब दर्शन प्रारम्भ होने जा रहा है |-Prof. OmPrakash Pandey
वास्तव में दर्शन का मतलब सिर्फ आत्मा , परमात्मा कि बात करना नहीं है |
बल्कि दर्शन का मतलब उन अव्यक्त सत्ताओं के क्रिया विज्ञान को जानना है जिन्हे observational तरीके से detect नहीं किया जा सकता |
जिनके ऊपर mathematical evidence भी कार्य नहीं करते , यदि उन पर कोई चीज कार्य करती है तो वह है – शुद्ध भौतिक विज्ञान पर आधारित विशुद्ध तर्क
Mathematical Evidence कितने सही ?
Mathematical और observational evidence की एक सीमा है , और यह evidence वर्तमान भौतिक विज्ञान के आधार है , लेकिन एक सीमा के बाद इन तरीकों की एक सीमा आ जाती है |
उदाहरण के लिए आज Gravity पर लगभग 30 Theories है और 30 Theories की 30 mathematics , observations है , लेकिन यह 30 की 30 Theories एक दूसरे के विरुद्ध है |
क्या ऐसे में Mathematical Evidence और Observational Evidence को ही अंतिम Proof मानने वाले लोग इन सब Theories को एक साथ सही मानेंगे ?
इस बात को न समझ पाने के कारण ही आज Modern Physics अनेकों समस्याओं से ग्रस्त है , उसे समझ नहीं आ रहा की वह किस दिशा में जा रहा है |
वह नित नयी कल्पनाओं को जन्म देता है |
वह नित नयी कल्पनाओं को जन्म देता है |
- वह नहीं जानता की Time क्या है लेकिन फिर भी कल्पनाओं में बहते हुए वह Time Travel की अवैज्ञानिक बातें करता है |
- वह time और space दोनों के बारे में ही कुछ भी नहीं जानता फिर भी space और time के fabric से gravity को explain करने की कोशिश करता है |
- यदि उस से पूछा जाये कि space time fabric curve कैसे होता है , इसकी क्या process है , उसे नहीं पता |
- यदि पूछा जाये कि कौन उस space को curve करता है , वह नहीं बता सकता |
- यदि पूछा जाये कि कोई भी fundamental force कैसे काम करता है तो वह उन्हें explain नहीं कर सकता | इस फैक्ट को Richard P Feynman ने भी accept किया है |
- energy क्या होती है ? Feynman स्वीकार करते हैं कि विज्ञान इस बात को नहीं जानता |
- ऐसा ही हाल ,force , dark matter , dark energy , energy , space , time , structure of elementary particles इन सब विषयों पर है |
समाधान – वेद विज्ञान आलोक
प्रश्न उठाने को कोई भी उठा सकता है , कम से कम सामान्य प्रश्न तो कोई भी व्यक्ति उठा ही सकता है लेकिन जो प्रश्न उठाता है क्या उसके पास उन प्रश्नो के जवाब भी है ?
वर्तमान विज्ञान की इन सभी समस्याओं का जवाब वेद विज्ञान आलोक के पास है |
यह ग्रन्थ space , time , मूल कण , ब्रम्हांड की प्राथमिक अवस्था , सूर्य के सम्पूर्ण विज्ञान , force, mass इन सबको explain करता है |
साथ ही यह ग्रन्थ Modern Science की बताई गयी सभी नयी theories का खंडन करते हुए उनको challenge भी करता है |
इसलिए इस ग्रन्थ में लिखा है – A Big Challenge to Modern Theoretical Physics
जहाँ इस 2800 पेज के ग्रन्थ में सम्पूर्ण Cosmology के विज्ञान को बताया है वहीँ इसमें वर्तमान प्रचलित Theories का प्रबल खंडन भी किया गया है |
आइये जानते हैं इस ग्रन्थ में क्या क्या बताया गया है ?
क्या बताता है वेद विज्ञान आलोक
यह ग्रन्थ कुल 4 volume में है |
इस ग्रन्थ का विमोचन भारत के वर्तमान उपराष्ट्रपति श्री वेंकैया नायडू जी ने किया है |
इस ग्रन्थ की विषयवस्तु 3 भागों में है
- पूर्वपीठिका
- 8 पंचिका
- 3 परिशिष्ट
प्रथम भाग में ग्रन्थ का सार है उसे समझने के लिए basic details है , जैसे Physics पढ़ने के लिए basic Physics के concepts समझने होते है , वैसे ही प्रथम भाग में basic concepts का वैज्ञानिक वर्णन है , और साथ ही वर्तमान विज्ञान की वर्तमान theories का प्रबल खंडन भी है |
इसके अतिरिक्त बाकि दो अन्य भागों में ऐतरेय ब्राम्हण ग्रन्थ का वैज्ञानिक भाष्य है जहाँ सृष्टि की अनेकों क्रियाओं का विस्तार से वैज्ञानिक विवेचन है |
इस ग्रन्थ की पूर्वपीठिका के अध्यायों के नाम हम यहाँ देते है जिस से आप इसकी विषयवस्तु के बारे में जान पाएंगे |
पूर्वपीठिका के अध्याय निम्न है
- ईश्वर स्तुति प्रार्थना
- विद्या की व्यापकता एवं उसकी उपादेयता
- सृष्टि विज्ञान एवं उसका महत्त्व
- संसार में भाषा एवं ज्ञान विज्ञान की उत्पत्ति
- आधुनिक सृष्टि उत्पत्ति विज्ञान समीक्षा (Include All Popular Theory)
- ईश्वर तत्व मीमांसा
- वैदिक सृष्टि उत्पत्ति विज्ञान (Include space,time,force everything )
- ब्राम्हण ग्रंथों का स्वरूप और उनका प्रतिपाद्य विषय
- वेद का यथार्थ स्वरूप
- हमारी व्याख्यान शैली तथा अन्य भाष्यों से तुलना
उपरोक्त विषय पूर्वपीठिका यानि पहले भाग के है , इसके आगे सम्पूर्ण सृष्टि विज्ञान का ही वर्णन है , जहाँ Pure Physics ही है |
Ved Vigyan Alok ग्रन्थ से हमें क्या जानने को मिलेगा ?
इसे पढ़कर हम जान पाएंगे कि –
- Force,Time,space, Charge, Mass, gravity, graviton,energy,Dark Energy,Dark matter, mass, Vacuum Energy, Mediator Particles आदि क्या विस्तृत विज्ञान क्या है ? इनका स्वरूप क्या है ?ये सबसे पहले कैसे बनते हैं ?सृष्टि कि प्रक्रिया में इनका क्या योगदान है ?
- अनादि मूल पदार्थ से सृष्टि कैसे बनी ? प्रारम्भ से लेकर तारों तक के बनने की विस्तृत प्रक्रिया क्या है ?
- Big Bang Theory क्यों गलत है ? क्यों universe अनादि नहीं है जबकि इसका मूल पदार्थ अनादि है ?
- संसार जिन्हे मूल कण मानता है उनके मूल कण न होने के कारण तथा उनके निर्माण की प्रक्रिया क्या है ?
- वेदों के मंत्र सम्पूर्ण ब्रम्हांड में हर जगह व्याप्त विशेष प्रकार की तरंगों( vibration entity ) के रूप में ईश्वरीय रचना है | ये कैसे उत्पन्न होते हैं ?
- ब्रम्हांड में सर्वाधिक गतिशील पदार्थ कौन है ? प्रकाश से भी तेज कौनसा पदार्थ है ?
- गैलेक्सी और तारामंडलों के स्थायित्व का यथार्थ विज्ञान क्या है ?
- वैदिक पंचमहाभूतों का स्वरूप क्या है ?
- संसार में सबसे पहले भाषा और ज्ञान की उत्पत्ति कैसे होती है ?
- भौतिक और अध्यात्म विज्ञान का अनिवार्य सम्बन्ध क्या व् क्यों है ?
- ईश्वर सृष्टि की प्रत्येक क्रिया को कैसे संचालित करता है ?
- ओम ईश्वर का मुख्य नाम क्यों है ? इसकी ध्वनि इस ब्रम्हांड में क्या भूमिका निभाती है ?
- इस ग्रन्थ से वैज्ञानिकों के अनुसन्धान के लिए 100 – 200 वर्षों की सामग्री मिल जाएगी |
- प्राचीन आर्यावर्त में देव , गन्धर्व आदि के पास जिस टेक्नोलॉजी के बारे में सुना जाता है उसकी ओर वैज्ञानिक अग्रसर हो सकेंगे ?
- विज्ञान की सभी अन्य शाखाओं का मूल आधार भौतिक विज्ञान है , भौतिक विज्ञान को अधिक जानकर अन्य शाखाओं , रसायन विज्ञान , जीव विज्ञान , भूगर्भ विज्ञान , पर्यावरण विज्ञान आदि के क्षेत्र में क्रन्तिकारी परिवर्तन आएगा |
- संस्कृत भाषा विशेषकर वैदिक संस्कृत (देववाणी) , ब्रम्हांड की भाषा सिद्ध होगी |
- भारत विश्व को एक नयी वैदिक Physics दे सकेगा
- इस ग्रन्थ से वेद और ऋषियों की प्रतिष्ठा विश्व में बढ़ेगी और भारत वास्तव में विश्वगुरु बनेगा |
- हमारा विज्ञान अपनी भाषा में होगा , इससे भारत बौद्धिक दासता से मुक्त होकर नए राष्ट्रीय स्वाभिमान से युक्त होगा |
- इस से यह भी सिद्ध हो जायेगा की वेद ही परमपिता परमात्मा का दिया ज्ञान है और यही समस्त ज्ञान विज्ञान का मूल स्त्रोत है |
Ved Vigyan Alok किनके लिए है ?
ये ग्रन्थ मुख्य रूप से वेद के विज्ञान को संसार में प्रतिस्थापित करने के लिए है |
इसलिए इस ग्रन्थ को प्रत्येक बुद्धिमान मनुष्य को पढ़ना चाहिए |
लेकिन एक सामान्य व्यक्ति जो विज्ञान की पूरी जानकारी नहीं रखता है उसके लिए इस ग्रन्थ को समझना मुश्किल हो जायेगा |
वास्तव में यह ग्रन्थ PHD level का है |
इसका विशेष लाभ वैज्ञानिक और MSc , Phd करने वाले छात्र उठा सकते हैं |
फिर भी इस ग्रन्थ को कौन पढ़ सकता है यह हम बताते है
- विशेषकर भौतिक विज्ञान की किसी भी field में पीएचडी , एमएससी , करने वाले छात्र को इस ग्रन्थ को जरूर लेना चाहिए , इसके द्वारा वे अपनी रिसर्च में काफी मदद ले सकते हैं |
- वैज्ञानिक , प्रोफेसर्स आदि को भी इस ग्रन्थ को जरूर लेना चाहिए , उनकी विज्ञान की अनसुलझी समस्याओं का समाधान इस ग्रन्थ से जरूर होगा |
- वेदों में रूचि रखने वाले और वेदों को विज्ञान के प्रति जिज्ञासा रखने वाले व्यक्ति को भी इस ग्रन्थ को पढ़ना चाहिए , जिस से वह वेदों के विज्ञान को समझ पाए |
- वेद पर अनुसन्धान करने वालों को इस ग्रन्थ को पढ़कर यह जानना चाहिए की वेद पर अनुसन्धान कैसे होगा और इस ग्रन्थ को समझकर अन्य ग्रंथों पर अनुसन्धान सम्भव हो पायेगा |
- प्रबुद्ध और विचारशील धर्माचार्यों को इस ग्रन्थ को पढ़कर एक वैज्ञानिक धर्म की ओर बढ़ना चाहिए |
- वैज्ञानिक बुद्धि के धनी उद्योगपतियों और शिक्षा शास्त्रीयों को भी इस ग्रन्थ को पढ़ना चाहिए |
वेद विज्ञान आलोक किन महत्वपूर्ण व्यक्तियों के पास है ?
वे कौन प्रचलित व्यक्ति है जिनके पास यह ग्रन्थ है और जो इस ग्रन्थ का अध्ययन कर रहे हैं ? हम कुछ प्रचलित वैज्ञानिकों , नेताओ के बारे में बताते है जिनके पास यह ग्रन्थ है और जो इसका अध्ययन कर रहे है |
- नासा में रहे पूर्व वैज्ञानिक और प्रधानमंत्री के वैज्ञानिक सलाहकार प्रोफ़ेसर ओमप्रकाश पांडेय जी को यह ग्रन्थ भेंट किया गया , वे इसका अध्ययन कर रहे हैं |
- दिल्ली विश्वविद्यालय के वैज्ञानिक प्रोफेसर मदन मोहन बजाज के पास भी यह ग्रन्थ है , इन वैज्ञानिक ने Einstein Pain Wave Theory दी है |
- भारत के उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू जी के पास भी यह ग्रन्थ है |
- Ministry of Science & Technology के Minister डॉ. हर्षवर्धन जी के पास भी वेद विज्ञान आलोक ग्रन्थ है |
इन्हे भी पढ़ें
- Vedic Rashmi Theory – Hindu Theory of Universe in Hindi
- Einstein Pain Waves Explained in Hindi
- NASA’s Secret Science Experiment on Sanskrit as told By NASA Scientist in hindi
निष्कर्ष
वेद विज्ञान आलोक ग्रन्थ विज्ञान की मूलभूत समस्याओं का समाधान प्रदान करने वाला ग्रन्थ है , जिसमे ब्रम्हांड के निर्माण की एक नयी Theory वैदिक रश्मि Theory दी गयी है और Physics की सभी समस्याओं का समाधान उसके द्वारा प्रदत्त वैदिक विज्ञान में निहित है , यह ग्रन्थ भारत के महत्वपूर्ण व्यक्तियों के साथ साथ , अनेक वैज्ञानिकों के पास भी है जिस पर वे वैज्ञानिक अध्ययन करेंगे | यदि आप भी इस ग्रन्थ को प्राप्त करना चाहते हैं तो इसे जरूर खरीदें |
📖 To Get VedVigyan-Alok (A Vaidic Theory Of Universe): https://imjo.in/JfsG5p 🏠 Vaidic and Modern Physics Research Centre, Ved Vigyan Mandir (Shri Vaidic Swasti Pantha Nyas) Bhagal Bhim, Bhinmal Dist. Jalore, Rajasthan 343029 ☎️ For more information contact us on 02969 222103 🌍 www.vaidicscience.com, www.vaidicphysics.com 📧 E-mail: swamiagnivrat@gmail.com 📒 BOOKS, CHANGE YOUR LIFE https://www.vaidicphysics.org/books
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