गीता पर ४२ प्रश्न - ধর্ম্মতত্ত্ব

ধর্ম্মতত্ত্ব

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धर्म मानव मात्र का एक है, मानवों के धर्म अलग अलग नहीं होते-Theology

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স্বাগতম

06 September, 2021

गीता पर ४२ प्रश्न

 प्रश्नकर्ता: आचार्य डा० श्रीराम आर्य

प्रकाशक की ओर से


प्रस्तुत विषय काफी विवादास्पद रहा है, इस विषय में गीता के विरूद्ध मान्यता रखने वाले मात्र तीन ही विद्वान मौजूद थे। निवासी) ।


१. २. श्री आचार्य डा० श्रीराम आर्य, (कासगंज श्री राजेन्द्र जी (अतरौली निवासी)।

३. श्री फूलचन्द जी शर्मा 'निडर' (भिवानी निवासी)

बाकी सभी विद्वान गीता की मान्यता के बारे में एक मत है । इस विषय पर अनेकों पुस्तकें लिखी गई हैं, अमर स्वामी जी महाराज ने कई पुस्तकें लिखी जैसे

 १. गीता में ईश्वर का स्वरुप,

२. गीता और वेद, 

३. गीता और महर्षि दयानन्द,

४. गीता और अवतारवाद पठनीय हैं। यह सभी पुस्तकें आपको हमारे यहां प्राप्त हो यह सभी पुस्तकें उक्त विषय की वास्तविकता जानने हेतु •जायेंगी । जिनके द्वारा गीता पर किये गये सभी आक्षेपों का समुचित उत्तर आपको मिल जायेगा ।


निवेदक

लाजपत राय अग्रवाल (प्रतिष्ठाता)

अमर स्वामी प्रकाशन विभाग

१०५८, विवेकानन्द नगर-गाजियाबाद -२०१००१ (उ०प्र०)

दूरभाष : (०१२०) ४७०१०९५

गीता में ईश्वर का स्वरुप


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