ভাবার্থঃ বিবাহ যুবক এবং যুবতীর মধ্যে হওয়া উচিত এবং তাহাদের বিবাহ পরান্ত পারস্পরিক ব্যবহার লজ্জাকে ত্যাগ করা উচিত। আপন গৃহস্থ ভারকে রথ বহন করা চক্রের সমান আপত্তি বিপত্তিতেও সুচারু রূপে বহন করে চালানো উচিত।।৭।।
य॒मस्य॑ मा य॒म्यं१॒॑ काम॒ आग॑न्त्समा॒ने योनौ॑ सह॒शेय्या॑य ।
जा॒येव॒ पत्ये॑ त॒न्वं॑ रिरिच्यां॒ वि चि॑द्वृहेव॒ रथ्ये॑व च॒क्रा ॥
ऋग्वेद0 मण्डल:10 सूक्त:10 मन्त्र:7
अंग्रेज़ी लिप्यंतरण
yamasya mā yamyaṁ kāma āgan samāne yonau sahaśeyyāya | jāyeva patye tanvaṁ riricyāṁ vi cid vṛheva rathyeva cakrā ||
पद पाठ
य॒मस्य॑ । मा॒ । य॒म्य॑म् । कामः॑ । आ । अ॒ग॒न् । स॒मा॒ने । योनौ॑ । स॒ह॒ऽशेय्या॑य । जा॒याऽइ॑व । पत्ये॑ । त॒न्व॑म् । रि॒रि॒च्या॒म् । वि । चि॒त् । वृ॒हे॒व॒ । रथ्या॑ऽइव । च॒क्रा ॥ १०.१०.७
पदार्थान्वयभाषाः -(समाने योनौ) एक स्थान में (सहशेय्याय) मिलकर सोने के लिये (यमस्य) तुझ यम दिन की (मा यम्यम्) मुझ यमी रात्रि को (कामः) कामना (आगन्) प्राप्त हुई कि (जायेव) पुत्रजनन में योग्य स्त्री की नाईं अर्थात् इस समय मैं जाया-गर्भधारण में समर्थ सन्तानोत्पत्र करने योग्य हूँ। ब्राह्मणवचन के अनुसार गर्भधारण करने योग्य स्त्री को जाया कहते हैं, कन्या या वृद्धा को नहीं, इसलिये गर्भधारण करने योग्य स्त्री को जैसे अनुष्ठान करना चाहिए, उसी प्रकार अनुष्ठान करती हुई (पत्ये) पति के लिये अर्थात् पूर्वोक्त जन्यु-गर्भाधान कराने में योग्य निज पति के लिए (तन्वम्) अपने शरीर को (रिरिच्यां) समर्पण कर ही दूँ। इसलिये कि (विवृहेव रथ्येव चक्रा) गार्हस्थ्यभार को हम दोनों रथ के पहियों के समान उठा ले चलें ॥
Translate-[(samaane yonau) ek sthaan mein (sahasheyyaay) milakar sone ke liye (yamasy) tujh yam din kee (ma yamyam) mujh yamee raatri ko (kaamah) kaamana (aagan) praapt huee ki (jaayev) putrajanan mein yogy stree kee naeen arthaat is samay main jaaya-garbhadhaaran mein samarth santaanotpatr karane yogy hoon. braahmanavachan ke anusaar garbhadhaaran karane yogy stree ko jaaya kahate hain, kanya ya vrddha ko nahin, isaliye garbhadhaaran karane yogy stree ko jaise anushthaan karana chaahie, usee prakaar anushthaan karatee huee (patye) pati ke liye arthaat poorvokt janyu-garbhaadhaan karaane mein yogy nij pati ke lie (tanvam) apane shareer ko (ririchyaan) samarpan kar hee doon. isaliye ki (vivrhev rathyev chakra) gaarhasthyabhaar ko ham donon rath ke pahiyon ke samaan utha le chalen .]
भावार्थभाषाः -विवाह युवा और युवती का होना चाहिए और उन्हें विवाहोपरान्त पारस्परिक व्यवहार लज्जा का त्याग करके बरतना चाहिए। अपने गृहस्थ के भार को-रथ को वहन करते हुए चक्रों के समान आपत्ति-विपत्ति में भी सुचारुरूप से वहन करते चलना चहिए ॥
Translate-[vivaah yuva aur yuvatee ka hona chaahie aur unhen vivaahoparaant paarasparik vyavahaar lajja ka tyaag karake baratana chaahie. apane grhasth ke bhaar ko-rath ko vahan karate hue chakron ke samaan aapatti-vipatti mein bhee suchaaruroop se vahan karate chalana chahie .]
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