ঋষি:- কশ্যপো, মরীচি পুত্রঃ, দেবতা: অগ্নির্জাতবেদাঃ, ছন্দ: নিচৃত্রিষ্টুপ, স্বরঃ- ধৈবতঃ
জাতবেদসে সূনবাম সোমমরাতীয়তো নি দহাতি বেদঃ।
স নঃ পর্ষদতি দূর্গাণি বিশ্বা নাবেব সিন্ধুং দূরিতাত্যগ্নিঃ।।
স্বর সহিত পদ পাঠ
জতऽবেদসে । সূনবাম । সোমম্ । অরাতিऽয়তঃ । নি । দহাতি । বেদঃ । সঃ । পর্ষত্ । অতি । দূঃऽগানি । বিশ্বা । নাবাऽহব । সিন্ধম্ । দূঃऽহতা । অতি । অগ্নিঃ ॥
ভাবার্থঃ এই মন্ত্রটি উপমালঙ্কার যুক্ত। যেমন মাঝি অশান্ত বড় সমুদ্রে বিস্তীর্ণ নৌকায় মনুষ্যাদিকে সুখে পারাপার করিয়ে দেয়, তেমন যিনি সঠিক উপায়ে ঈশ্বরের উপাসনা করেন তাঁকে পূজ্য জগদীশ্বর দুঃখরূপী বিশাল ভারী সমুদ্রে স্থিত মনুষ্যকে বিজ্ঞানাদি দানে পার লাগিয়ে দেন। এইজন্য় যে সকল মনুষ্য ঈশ্বরের উপাসনা করেন তাঁরা শত্রুকে হারিয়ে উত্তম বীরতা আনন্দ প্রাপ্ত হয়।
पदार्थ -
जिस (जातवेदसे) उत्पन्न हुए चराचर जगत् को जानने और प्राप्त होनेवाले वा उत्पन्न हुए सर्व पदार्थों में विद्यमान जगदीश्वर के लिये हम लोग (सोमम्) समस्त ऐश्वर्य्ययुक्त सांसारिक पदार्थों का (सुनवाम) निचोड़ करते हैं अर्थात् यथायोग्य सबको वर्त्तते हैं और जो (अरातीयतः) अधर्मियों के समान वर्त्ताव रखनेवाले दुष्ट जन के (वेदः) धन को (नि, दहाति) निरन्तर नष्ट करता है (सः) वह (अग्निः) विज्ञानस्वरूप जगदीश्वर जैसे मल्लाह (नावेव) नौका से (सिन्धुम्) नदी वा समुद्र के पार पहुँचाता है वैसे (नः) हम लोगों को (अति) अत्यन्त (दुर्गाणि) दुर्गति और (अतिदुरिता) अतीव दुःख देनेवाले (विश्वा) समस्त पापाचरणों के (पर्षत्) पार करता है, वही इस जगत् में खोजने के योग्य है ॥ -स्वामी दयानन्द सरस्वती
जिस (जातवेदसे) उत्पन्न हुए चराचर जगत् को जानने और प्राप्त होनेवाले वा उत्पन्न हुए सर्व पदार्थों में विद्यमान जगदीश्वर के लिये हम लोग (सोमम्) समस्त ऐश्वर्य्ययुक्त सांसारिक पदार्थों का (सुनवाम) निचोड़ करते हैं अर्थात् यथायोग्य सबको वर्त्तते हैं और जो (अरातीयतः) अधर्मियों के समान वर्त्ताव रखनेवाले दुष्ट जन के (वेदः) धन को (नि, दहाति) निरन्तर नष्ट करता है (सः) वह (अग्निः) विज्ञानस्वरूप जगदीश्वर जैसे मल्लाह (नावेव) नौका से (सिन्धुम्) नदी वा समुद्र के पार पहुँचाता है वैसे (नः) हम लोगों को (अति) अत्यन्त (दुर्गाणि) दुर्गति और (अतिदुरिता) अतीव दुःख देनेवाले (विश्वा) समस्त पापाचरणों के (पर्षत्) पार करता है, वही इस जगत् में खोजने के योग्य है ॥ -स्वामी दयानन्द सरस्वती
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